आई.पी.एस. अफसर (IPS OFFICER)
यदि आप में भी रोज
चुनौतियों का सामना करने के साथ-साथ समाज के लिए कुछ कर गुजरने की तमन्ना है तो
आई.पी.एस. अफसर का आकर्षक करियर आपके लिए ही है ।
क्या है इंडियन पुलिस सर्विस (आई.पी.एस. ) ?[What is Indian Police Service (IPS)? ]
आई.पी.एस. वास्तव में इंडियन सिविल सर्विसेज यानी भारतीय प्रशासनिक सेवा का ही एक भाग है जिसके तहत कुल 27 सेवाएं आती हैं। इन सभी सेवाओं को दो प्रमुख भागों में विभाजित किया गया है- 1. ऑल इंडिया सर्विसेज व 2. सेंट्रल सर्विसेज भारत सरकार द्वारा नियुक्त किए जाने के बाद ऑल इंडिया सर्विसेज के अफसर विभिन्न राज्य सरकारों के साथ काम करते हैं। आई.पी.एस. अफसर ऑल इंडिया सर्विसेज के तहत ही आते हैं। ये वे अफसर हैं जो राज्यों के पुलिस विभागों में उच्च पदों पर कार्य करते हैं।
कार्यक्षेत्र[Work area]
आई.पी.एस. अफसर
मुख्यतः कानून व्यवस्था बनाए रखने,
अपराधों की रोकथाम, उनकी जांच,
ट्रैफिक नियंत्रण एवं
दुर्घटनाओं की रोकथाम तथा प्रबंधन के कार्य करते हैं। उनके अन्य कार्यों में
वी.आई.पी. सुरक्षा के इंतजाम करना,
आतंकवाद के खिलाफ मुहिम
चलाना, तस्करी, नशों
के कारोबार एवं आर्थिक अपराधों को रोकना तथा आपदा प्रबंधन में सहयोग देना
शामिल है। वे
खुफिया संस्थानों जैसे रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ), इंटैलीजेंस ब्यूरो (आई.बी.) तथा सेंट्रल ब्यूरो ऑफ
इंवेस्टीगेशन (सी.बी.आई.) के अलावा बी.एस.एफ. एवं आई.टी.बी.पी. जैसी पैरामिलिटरी
फोर्सेज का अंग
भी हो सकते हैं।
योग्यता[Ability]
आई.पी.एस. अफसर
बनने के लिए सिविल सर्विसेज परीक्षा पास करनी लाजिमी है। हर साल यूनियन
पब्लिक सर्विस
कमिशन (यू.पी.एस.सी.) यह परीक्षा आयोजित करता है। कोई भी ग्रैजुएट डिग्री धारी
भारतीय नागरिक इस परीक्षा में बैठ सकता है। परीक्षा के आरम्भिक चरण में वस्तुनिष्ठ
प्रश्न (ऑब्जेक्टिव टाइप) होते हैं। पहले चरण को पास करने वाले युवा अगले चरण की
परीक्षा में बैठ सकते हैं जिसमें विषयपरक (सब्जैक्टिव टाइप) प्रश्न होते हैं। इस
परीक्षा को पास करने वाले
सफल छात्रों की
शॉर्टलिस्ट तैयार की जाती है जिनका यू.पी.एस.सी. बोर्ड साक्षात्कार लेता है। जो
युवा इस साक्षात्कार में उत्तीर्ण होते हैं,
उन्हें उनकी मैरिट के आधार
पर प्रशासनिक सेवा आबंटित की जाती है।
कौशल[Skill]
आई.पी.एस. अफसरों
को शारीरिक रूप से फिट होने के साथ- साथ मानसिक रूप से भी हमेशा
सजग रहना होता है। उनमें नीतियों
एवं मूल्यों की
गहरी समझ तथा किसी भी परिस्थिति का निडरता से सामना करने का कौशल होना चाहिए।
उनमें विचारों की स्पष्टता तथा किसी भी स्थिति का समझदारी से आकलन करके महत्वपूर्ण
फैसले लेने का गुण भी होना चाहिए। साथ ही उन्हें समाज तथा समुदायों की जरूरतों, मान्यताओं तथा
धारणाओं के प्रति
संवेदनशील भी होना चाहिए।
अपने कार्यों को
सक्षमता से अंजाम देने में बेहतर ढंग से लोगों की
समस्याएं सुनने तथा बेहतरीन सम्प्रेषण कौशल उनके काफी काम आता है। आई.पी.एस.
अफसरों के लिए देश के कानून की भी गहरी समझ तथा जानकारी होनी लाजिमी है।
पारिश्रमिक[Remuneration]
आई.पी.एस. अफसरों
को शुरूआत में 40 हजार रुपए प्रतिमाह तक पारिश्रमिक मिलता है।
कुछ
समय बाद यह 60 हजार रुपए प्रतिमाह तक हो जाता है। वरिष्ठ पदों पर
कार्यरत आई.पी.एस. अफसर करीब 80
हजार रुपए प्रतिमाह पाते
हैं।
भी मिलते हैं जो
उनकी नियुक्ति इसके अलावा उन्हें विशेष भत्ते के स्थान या स्थितियों पर निर्भर
करते हैं।
तैयारी[Preparation]
यूं तो प्रतिभावान तथा मेधावी छात्र अपने स्तर पर भी यू.पी.एस.सी. परीक्षा की तैयारी कर सफलता प्राप्त करते हैं परंतु इस परीक्षा में कड़ी प्रतियोगिता को देखते हुए अनेक छात्र निजी संस्थानों में इसकी तैयारी तथा अभ्यास करना पसंद करते हैं। देश भर में फैले अनेक निजी संस्थान यू.पी.एस.सी. परीक्षा की विशेष तैयारी करवाते हैं।