Hindu Rashtra (हिंदू राष्ट्र)

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Hindu Rashtra (हिंदू राष्ट्र)

Hindu Rashtra (हिंदू राष्ट्र)


हिंदू राष्ट्र क्या है? (What is Hindu Rashtra?)

किया भारत एक हिंदू राष्ट्र है? (Is India a Hindu Nation?)

हिंदू राष्ट्र का अवधारणा क्या है? (What is the concept of Hindu Rashtra?)

हिंदू राष्ट्र मे ऐसा क्या होगा जो अभी नही हुआ है या नही हो रहा है।

हम हिन्दू राष्ट्र के बारे किसी अन्य धर्म को लेकर बात नही कर रहे हैं।

  

भारत हिन्दू राष्ट्र केसे हो सकता है

हम तो सिर्फ अपना बात कर रहे हैं। हम एक दलीत हिन्दू हैं। पहले दलीत तब हिंदू इसलिए बोल रहे हैं कि इस देश के फॉरवर्ड कास्ट ने और जातिवादी व्यवस्था ने हमे दलित होने का या छोटा जाती होने आइना दिखा दिया जाता है उसके बाद हिन्दू। आज तो BJP के लोग,BJP के नेता  DR BHIM RAO AMBEDKAR को भी भगवा का रंग मे रंगने का काम करते हैं अगर आप हिन्दू समर्थक हैं या सीधा सीधा बोल तो भाजपा का समर्थक हैं तब आप आंबेडकर को याद कर सकते हैं या अंबेडकर का नाम बोल सकते हैं। जबकी बाबा साहब हमेसा बोलते थे की भले ही जन्म हिन्दू धर्म मे लिए हैं इसमें हमारा कोई गलती नही है लेकीन हम मारेंगे बोध बनके। हमको ऐसा सवाल इसलिए पूछना पड़ रहा है क्योंकी हम दलित हैं हिंदू राष्ट्र मे दलित का स्थान कहा होगा हम डरते हैं इस बात को लेकर की इतिहास मे जो दलितों के साथ हो चुका है कही फिर से तो उसको नही दोहराया जाएगा क्योंकि बहुत से जगह पर अभी भी इस मॉडर्न युग मे भी जातिवादी मानसिकता वाला आदमी देखने के लिए मिल जाता है और छोटे जात के साथ भेद भाव होता दिखाई देता है UP, BIHAR और JHARKAND के गांव मे अभी भी सीधा सीधा आदि वासी और दलितों के साथ भेद भाव होता दिखाई देता है। JHARKHAND के कुछ गांव में अभी भी आदिवासी और दलितो को कुएं से पानी नही लेने दिया जाता है भारत अभी भी जाति भेद भाव से ऊपर नही उठा है कि और आप हिंदू राष्ट्र घोषित करने लगे हमको डर इस बात से भी लगता है कि दलित राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को संसद भवन के सिलनियास में नही बुलाया गया था उसके बाद फिर नए दलित राष्ट्रपति द्रोपदी मुरमूर को भी संसद के उद्घाटन मे नहीं बुलाया गया ऐसा क्यों? हमारे देस के सबसे बड़े पंचायत संसद भवन मे संगोल को स्थापित किया गया है और संगोले का अर्थ होता है राजतंत्र (ब्राह्मणवाद) पुराने जमाने जब कोई राजा, राजा की गद्दी को संभालता थे या राज्य चलाता थे तो उस समय राजा को सांगोल देकर सम्मानित किया जाता था इन सब चीज को देखकर सवाल पूछना पड़ता है। हमारे देस मे ब्राह्मणवादी सोच Dr Bhim Rao Ambedkar के संविधान को जलाने लगता है और संविधान हटाओ और मनुस्मृति लागू करो का नारा लगने लगता है। हिंदू राष्ट्र को लेकर BJP कहते  हैं कि हिंदू के हित का बात होगा, हिंदू विक्टिम्स का बात होगा और हिंदू majorites के राइट्स का बात होगा  तो  फिर इन सब बात से मेरा मन मे एक और सवाल उठता है की जब देस का दलित रेसलर बेटी के साथ बीजेपी का नेता Brij Bhushan Singh यौन सोसन करता है तो उस समय हिंदू के हित का बात करने वाला कहा चल जाता है, हिंदू राष्ट्र घोषित करने वाला कहा चल जाता है। Hathras के के बेटी साथ किया हुआ था इन hatras कांड से देस अछूता नही है तो फिर किस तरह से आप हिंदू राष्ट्र घोषित करने का बात करते हैं।     और फ़िर  फिर भारत का topper दलित IAS TINA DAVI को मंदिर मे घुसने नही दिया जाता है तो उस समय हिंदू विक्टिम्स, हिन्दू हित aur हिंदू राष्ट्र घोषित करने वाला कहा चला जाता है । हिन्दू का रक्षक या हिन्दू का ठेकेदार और इस देस के हिन्दू ठेकेदार का मुख्या चौकीदार कहा चला जाता है 

क्या भारत एक हिंदू राष्ट्र है? (Is India a Hindu Nation?)

भारत गणराज्य, जो आमतौर पर भारत के रूप में जाना जाता है, एक संविधानिक लोकतांत्रिक देश है। भारतीय संविधान के माध्यम से, भारत एक सेक्युलर देश के रूप में परिभाषित है, जो धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत पर आधारित है। भारतीय संविधान ने विभिन्न धर्मों के लोगों को आधिकारिक रूप से स्वतंत्रता और समानता के साथ जीने का हक़ दिया है। संविधान ने भारत को किसी एक धर्म के आधार पर नहीं स्थापित किया है और न ही भारत को हिंदू राष्ट्र के रूप में परिभाषित किया गया है। इसके बजाय, भारतीय संविधान धार्मिक और जातिगत समानता, धार्मिक आज़ादी, धार्मिक सम्प्रदायों के साथ उदारता और धर्मनिरपेक्षता के मूल्यों को समर्थन करता है। यहाँ तक कि सुप्रीम कोर्ट ने भी कई बार यह निर्णय दिया है कि भारत धर्मनिरपेक्षता का पालन करने वाला देश है और किसी एक धर्म को प्रोत्साहित या अधिकृत नहीं करता है। यहां भारत में अनेक धर्मों के लोग निवास करते हैं और उनका आदर्श धर्मिक सम्प्रदायों के साथ संगठित रूप से सहयोग और सहभागिता करना है। इसलिए, भारत को संविधानिक रूप से हिंदू राष्ट्र के रूप में परिभाषित नहीं किया जा सकता है। इसके बजाय, यह एक धार्मिक और कुल्तुरल विविधता में धन्य है और उसके नागरिकों को धर्मनिरपेक्षता, स्वतंत्रता और सामान्य अधिकारों की गारंटी प्रदान करता है। भारत एक संविधानिक लोकतांत्रिक देश है जिसका धार्मिक भूमिका धर्मनिरपेक्षता के तत्वों पर आधारित है। भारतीय संविधान में धार्मिक स्वतंत्रता और सभी नागरिकों के धार्मिक अधिकारों का सम्मान सुनिश्चित किया गया है। भारतीय संविधान के माध्यम से देश के नागरिकों को धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार दिए गए हैं, जिसका अर्थ है कि हर व्यक्ति का अपना धर्म चुनने और अपने धार्मिक अभिप्रेतताओं को प्रदर्शित करने का अधिकार है। संविधान ने धर्मीय समुदायों को आरक्षण और स्वतंत्रता भी दी है। भारतीय संविधान के अनुसार, भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है, जो सभी धर्मों के समान सम्मान और स्वतंत्रता को प्रतिष्ठित करता है। यह धार्मिक विवादों के समाधान के लिए न्यायप्रणाली का उपयोग करता है और न्यायालयों के माध्यम से धार्मिक मामलों का निर्णय लेता है। इस प्रकार, भारत धार्मिक विवादों के बावजूद एक धर्मनिरपेक्ष देश के रूप में मान्यता प्राप्त करता है, जहां सभी धर्मों के अनुयायों को समानता, स्वतंत्रता और संरक्षण का अधिकार है।

 हिंदू राष्ट्र का अवधारणा क्या है? (What is the concept of Hindu Rashtra?)

हिंदू राष्ट्र (Hindu Rashtra) एक विचार है जो हिंदूत्व के संबंध में प्रचलित है। इस विचार के अनुसार, भारत एक हिंदू राष्ट्र होना चाहिए, जहां हिंदू धर्म और संस्कृति पर आधारित समाज, राजनीति और नीति निर्माण की जाती है। हिंदू राष्ट्र की सिद्धि के लिए, यह धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यताओं को भारतीय संविधान में नकद करने और अन्य धर्मों के समर्थकों को प्रतिबंधित करने की आवश्यकता होती है। हिंदू राष्ट्र के समर्थकों का मानना है कि भारत का अस्तित्व हिंदूत्व पर आधारित है और यह राष्ट्र हिंदू धर्म के सिद्धांतों और मूल्यों के आधार पर चलने वाला राष्ट्र होना चाहिए। इस सिद्धांत के अनुसार, हिंदूत्व भारतीय सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत का प्रतिष्ठान और प्रबंधन करने का प्रयास है। हिंदू राष्ट्र की अनुयायी पार्टियों और संगठनों का मुख्य लक्ष्य है हिंदू धर्म और संस्कृति को बढ़ावा देना, हिंदू समाज के हित में कानूनों और नीतियों का संशोधन करना और हिंदू विरोधी तत्वों के खिलाफ लड़ाई लड़ना है। हिंदू राष्ट्र का विचार विभिन्न रूपों में प्रदर्शित होता है और इसे समाज, संघटन, और राजनीतिक धाराओं के माध्यम से प्रचारित किया जाता है। हिंदू राष्ट्र की संकल्पना के अनुसार, एक हिंदू राष्ट्र एक ऐसा राजनीतिक, सांस्कृतिक और सामाजिक संगठन है जिसमें हिंदू धर्म के आधार पर एकीकृत राष्ट्रीय और सांस्कृतिक व्यवस्था होती है। हिंदू राष्ट्र की सिद्धांतिक आधारभूत बातें संगठन और समाज में स्थापित की जाती हैं, जैसे धर्म, भाषा, संस्कृति, इतिहास, और राष्ट्रीयता। हिंदू राष्ट्र की संकल्पना में, हिंदू जाति के सदस्यों को राष्ट्रीय एकता और स्वतंत्रता की रक्षा करने का जिम्मा दिया जाता है। हिंदू राष्ट्र की संकल्पना कई प्राचीन और समकालीन धार्मिक, सामाजिक और राजनीतिक विचारधाराओं के तहत प्रभावित होती है। इसके प्रमुख तत्वों में से एक हिंदू राष्ट्र का अवलोकन है, जो हिंदू समाज की विशेषता और आदर्शों के आधार पर निर्माण किया गया है। हिंदू राष्ट्र की संकल्पना धर्म, राष्ट्रीयता, संस्कृति और सामाजिक एकता के मूल्यों पर आधारित होती है। यहाँ यह ध्यान देने योग्य है कि हिंदू राष्ट्र की संकल्पना विभिन्न व्याख्याओं और विचारधाराओं के अनुसार अलग-अलग हो सकती है और इसका व्यापारिक अनुमान संगठन और व्यक्तियों के बीच भिन्न हो सकता है।

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